Sunday, August 14, 2011

सबजेल में बंदियों को राखी बांधी

         . रक्षाबंधन पांच विकारों से आत्मा की रक्षा के लिए बांधा गया पावन व अलौकिक प्रेम का पवित्र बंधन है। यह दुखद मानसिक ग्रंथियों का निराकण कर देता है तथा आंतरिक वृत्तियों को उध्र्वमुखी बना देता है।ये विचार ब्रह्मïाकुमारी शोभा बहिन ने सब जेल में थानाधिकारी रामप्रताप बिश्नोई की अध्यक्षता में हुए रक्षाबंधन कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर ब्रह्मïाकुमारी बहिनों ने विचाराधीन महिला व पुरुष बंदियों के राखी बांधी तथा मुंह मीठा करवाया। ब्र.कु. शोभा बहिन ने कहा कि रक्षा बंधन भाई बहिन के पवित्रतम प्रेम और संबंध की मधुर स्मृति दिलाने वाला पर्व है। निराकार परमपिता परमात्मा शिव तथा प्रजापिता ब्रह्मïा की संतान होने के कारण हम सभी जीवात्माएं आपस में भाई-बहिन हैं। उन्होंने कहा कि पवित्रता का बंधन ही सच्चा रक्षा बंधन है। थानाधिकारी रामप्रताप बिश्नोई ने कर्म को प्रधान बताते हुए कहा कि जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है। मनुष्य जीवन दुनिया की सेवा करने के लिए और लोगों को जीवन देने के लिए मिला है इसक ा सदुपयोग करना चाहिए। ब्रह्मïाकुमारी कुसुम बहिन व एडवोकेट बृजमोहन शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी गुप्ति प्रभा के सानिध्य में शनिवार को रक्षा बंधन पर्व पर विशेष कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर साध्वी गुप्ति प्रभा ने कहा कि रक्षा बंधन पर्व विश्वास का, आश्वासन का और दायित्व बोध देने वाला महान पर्व है। रक्षा बंधन पर्व भाई-बहिनों का विशेष त्यौंहार है। इस दिन भाई द्वारा बहिन को कोई त्याग करके उपहार देना चाहिए। साध्वी मौलिक यशा ने नशा मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। पंकज दुघोडिय़ा ने भी विचार व्यक्त किए।

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